Indian Whisky: ग्लोबल मार्केट में भारत का बढ़ता दबदबा
भारत, जो कभी मसालों और चाय के लिए जाना जाता था, अब Indian Whisky के जरिए ग्लोबल मार्केट में अपनी पहचान बना रहा है। भारतीय व्हिस्की ब्रांड्स ने न केवल दुनिया की सबसे ज्यादा बिकने वाली व्हिस्की की सूची में टॉप स्थान हासिल किया है, बल्कि टॉप 10 में 5 स्थान भी सुरक्षित किए हैं। यह भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा और बेहतरीन क्वालिटी का प्रमाण है।
Table of Contents
भारतीय व्हिस्की का ग्लोबल दबदबा
- The Spirits Business Brand Champions 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की सबसे ज्यादा बिकने वाली व्हिस्की भारतीय ब्रांड्स हैं।
- टॉप 10 में शामिल 5 भारतीय ब्रांड्स ने चीन जैसे बड़े बाजार को पीछे छोड़ दिया है, जहां एक भी ब्रांड इस लिस्ट में नहीं है।
- यह भारत के बढ़ते व्हिस्की बाजार और गुणवत्ता का प्रमाण है।
भारतीय ब्रांड्स की शानदार बिक्री
- मैकडॉवेल्स: 31.4 मिलियन केस के साथ पहले स्थान पर।
- रॉयल स्टैग: 27.9 मिलियन केस बेचकर दूसरे स्थान पर।
- ऑफिसर्स चॉइस: 23.4 मिलियन केस के साथ तीसरे स्थान पर।
- इम्पीरियल ब्लू: 22.8 मिलियन केस बेचकर चौथे स्थान पर।
- इसके अलावा, 8 PM Whisky ने 12.2 मिलियन केस की बिक्री कर टॉप 10 में जगह बनाई।
भारतीय बाजार में बढ़ती मांग
- भारत में प्रीमियम व्हिस्की की मांग तेजी से बढ़ रही है।
- विदेशी कंपनियां भारतीय बाजार में निवेश कर रही हैं, और सरकार ने अमेरिका से आयातित बॉर्बन व्हिस्की पर टैरिफ कम करने का फैसला किया है।
- ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भी अपने ब्रांड्स को भारतीय बाजार में स्थापित करने के लिए उत्सुक हैं।
भारत का बढ़ता दबदबा
भारतीय व्हिस्की ब्रांड्स की लोकप्रियता न केवल घरेलू स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी तेजी से बढ़ रही है। चीन जैसे बड़े बाजार का कोई ब्रांड टॉप लिस्ट में न होना भारत की साख को और मजबूत करता है।
FAQs
1. कौन-कौन से भारतीय ब्रांड्स ग्लोबल मार्केट में सबसे ज्यादा बिकते हैं?
मैकडॉवेल्स, रॉयल स्टैग, ऑफिसर्स चॉइस, इम्पीरियल ब्लू, और 8 PM Whisky जैसे ब्रांड्स ग्लोबल मार्केट में सबसे ज्यादा बिकते हैं।
2. क्या भारतीय व्हिस्की प्रीमियम सेगमेंट में भी सफल है?
हां, भारतीय प्रीमियम व्हिस्की जैसे ब्लेंडर्स प्राइड और सिंगल माल्ट्स ने भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है।
3. क्या विदेशी कंपनियां भारतीय व्हिस्की बाजार में निवेश कर रही हैं?
जी हां, विदेशी कंपनियां भारत के तेजी से बढ़ते अल्कोहल बाजार को देखते हुए यहां निवेश कर रही हैं।
यह सफलता केवल संख्याओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत की गुणवत्ता और स्वाद की वैश्विक पहचान का प्रतीक बन चुकी है।