प्रदूषण बढ़ने पर मजदूरों को मुआवजा: देश की पहली AQI आधारित इंश्योरेंस पॉलिसी
दिल्ली-एनसीआर में काम करने वाले कंस्ट्रक्शन मजदूरों के लिए एक अच्छी खबर है। प्रदूषण के कारण काम बंद होने पर मजदूरों को अब वित्तीय सुरक्षा मिलेगी। गो डिजिट ने के.एम. दस्तूर रीइंश्योरेंस ब्रोकर्स के साथ मिलकर देश की पहली AQI आधारित इंश्योरेंस पॉलिसी लॉन्च की है। यह पॉलिसी हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर मजदूरों को मुआवजा देगी।
कैसे काम करती है यह पॉलिसी?
इस पॉलिसी के तहत, अगर AQI लगातार पांच दिनों में से कम से कम तीन दिनों के लिए 400 से ऊपर रहता है, तो मजदूरों को क्लेम मिलेगा। इसे ‘स्ट्राइक’ के रूप में परिभाषित किया गया है। प्रत्येक स्ट्राइक के बीच कम से कम 25 दिनों का अंतर होना चाहिए। क्लेम की स्थिति में, कंस्ट्रक्शन मजदूरों को होने वाले सैलरी के नुकसान की भरपाई के लिए ₹6,000 तक मिल जाएंगे। यह एक पैरामेट्रिक इंश्योरेंस पॉलिसी है, जिसमें तय किए गए पैरामीटर पूरे होते ही क्लेम की राशि ऑटोमैटिकली मिल जाती है।
FAQs
- AQI आधारित इंश्योरेंस पॉलिसी क्या है?
- यह पॉलिसी प्रदूषण के कारण काम बंद होने पर मजदूरों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है। यह पॉलिसी AQI के आधार पर क्लेम देती है, जिसमें तय किए गए पैरामीटर पूरे होते ही ऑटोमैटिकली भुगतान होता है।
- कौन से मजदूर इस पॉलिसी का लाभ उठा सकते हैं?
- दिल्ली और एनसीआर में काम करने वाले कंस्ट्रक्शन मजदूर इस पॉलिसी का लाभ उठा सकते हैं। यह प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा, जिनका जीवन दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर करता है।
- क्लेम कैसे मिलेगा और कितनी राशि मिलेगी?
- क्लेम तब मिलेगा जब AQI लगातार पांच दिनों में से कम से कम तीन दिनों के लिए 400 से ऊपर रहेगा। इस स्थिति में, मजदूरों को ₹6,000 तक की राशि मिलेगी।