पंजाब का प्रोजेक्ट ‘हिफाजत’: महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक क्रांतिकारी पहल
पंजाब सरकार जल्द ही प्रोजेक्ट ‘हिफाजत’ लॉन्च करने जा रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह परियोजना सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास विभाग द्वारा शुरू की जा रही है और इसकी शुरुआत लुधियाना के जमालपुर से होने की संभावना है। इस प्रोजेक्ट के तहत, महिलाएं 181 पर कॉल करके तुरंत मदद ले सकती हैं और कॉल आने के 10 मिनट के भीतर कार्रवाई की जाएगी।
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प्रोजेक्ट ‘हिफाजत’ की विशेषताएं
- त्वरित कार्रवाई:
- कॉल आने के 10 मिनट के भीतर कार्रवाई की जाएगी।
- यह देश में अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट होगा।
- वन स्टॉप सेंटर:
- पुलिस, पंचायत, कानूनी और आंगनवाड़ी सेंटरों के बीच तालमेल स्थापित किया जाएगा।
- प्रोटेक्शन अफसर को आधुनिक गाड़ी प्रदान की जाएगी।
- मानक संचालन प्रक्रिया (SOP):
- पुलिस, पंचायत, कानूनी और आंगनवाड़ी सेंटरों का प्रमुख योगदान होगा।
- हर ब्लॉक में एक सीडीपीओ (चाइल्ड डेवलपमेंट प्रोग्राम ऑफिसर) प्रोटेक्शन अफसर होगी।
- आंगनवाड़ी कर्मचारियों की भूमिका:
- आंगनवाड़ी कर्मचारी पीड़िता के घर पहुंचकर जरूरी मदद प्रदान करेंगे।
महिलाओं के खिलाफ हिंसा के आंकड़े
- अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 तक: पंजाब में महिलाओं के खिलाफ 4309 हिंसा के मामले दर्ज किए गए हैं।
- टॉप 5 जिले: तरनतारन, अमृतसर, पटियाला, गुरदासपुर और संगरूर।
- कम हिंसा वाले जिले: फरीदकोट, मानसा, नवांशहर, मालेरकोटला और कपूरथला।
पंजाब सरकार का कदम
पंजाब में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। कई महिलाओं को यह भी नहीं पता कि उन्हें हिंसा के मामले में कहां शिकायत करनी चाहिए, जिसके चलते कई घटनाएं बिना रिपोर्ट किए रह जाती हैं।
सामाजिक सुरक्षा मंत्री का बयान
सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से तैयार है और पंजाब में यह अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है, जो महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर तुरंत एक्शन लेगा।
सामान्य प्रश्न
- प्रोजेक्ट ‘हिफाजत’ क्या है?
यह पंजाब सरकार द्वारा शुरू की गई एक परियोजना है, जिसका उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। - क्या इस प्रोजेक्ट के तहत तुरंत कार्रवाई की जाएगी?
हां, कॉल आने के 10 मिनट के भीतर कार्रवाई की जाएगी। - कौन-कौन से विभाग इस प्रोजेक्ट में शामिल हैं?
पुलिस, पंचायत, कानूनी और आंगनवाड़ी सेंटर इस प्रोजेक्ट में शामिल हैं।