Vinayak Chaturthi 2025: जानें तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Vinayaka Chaturthi: भगवान गणेश को समर्पित यह त्योहार

विनायक चतुर्थी हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, जो भगवान गणेश को समर्पित है। यह त्योहार विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा के लिए विशेष रूप से मनाया जाता है, जो ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि के देवता हैं।

विनायक चतुर्थी का महत्व

  • विघ्नहर्ता भगवान गणेश:
    भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन के सभी संकट और बाधाएं दूर होती हैं।
    वे बुद्धि और ज्ञान के देवता हैं, जो व्यक्ति की बुद्धिमत्ता में वृद्धि करते हैं।
  • सुख-समृद्धि का प्रतीक:
    गणेश चतुर्थी का व्रत करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
    यह त्योहार व्यक्ति की सभी मनोकामनाओं को पूरा करने में मदद करता है।

पूजा विधि

  1. सुबह की तैयारी:
    • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
    • घर के मंदिर में भगवान गणेश को गंगाजल से स्नान कराएं।
  2. पूजा का संकल्प:
    • व्रत का संकल्प लें और भगवान गणेश को पंचामृत से स्नान कराएं।
    • चंदन, रोली, कुमकुम और फूलों से श्रृंगार करें।
  3. भोग लगाना:
    • भगवान गणेश को लड्डू और मोदक का भोग लगाएं।
    • उनके विभिन्न मंत्रों का जाप करें, जैसे “ॐ गं गणपतये नमः” और “ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा”।
  4. आरती और व्रत पारण:
    • भगवान गणेश की आरती करें।
    • दिन भर उपवास करने के बाद शाम को व्रत खोलें।

कुछ महत्वपूर्ण बातें

  • चंद्र दर्शन न करें:
    इस दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए।
  • बड़ों का सम्मान करें:
    बड़ों का अनादर न करें।
  • तामसिक भोजन से बचें:
    तामसिक भोजन से दूर रहें।
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विनायक चतुर्थी की तिथियां 2025

  • फाल्गुन मास:
    2 मार्च की रात 09:01 बजे से 3 मार्च की शाम 06:02 बजे तक।
    उदया तिथि के अनुसार, यह 3 मार्च को मनाई जाएगी।

FAQs

  1. विनायक चतुर्थी का क्या महत्व है?
    • यह त्योहार भगवान गणेश को समर्पित है, जो विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता हैं। इसका व्रत करने से जीवन के संकट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि मिलती है।
  2. विनायक चतुर्थी की पूजा विधि क्या है?
    • इस दिन सुबह स्नान कर भगवान गणेश को गंगाजल से स्नान कराएं, फिर पंचामृत और साफ जल से स्नान कराएं। उन्हें चंदन, रोली, कुमकुम और फूलों से श्रृंगार करें और लड्डू-मोदक का भोग लगाएं।
  3. विनायक चतुर्थी के दिन क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
    • इस दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए, बड़ों का अनादर नहीं करना चाहिए और तामसिक भोजन से बचना चाहिए।

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